पशु मॉडलों में पीकेसी प्रावरोधक न्यूरोनल रक्त प्रवाह में वृद्धि करके तंत्रिका चालन वेग में वृद्धि करेगा.
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पशु मॉडलों में पीकेसी प्रावरोधक न्यूरोनल रक्त प्रवाह में वृद्धि करके तंत्रिका चालन वेग में वृद्धि करेगा.
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एंटागोनिस्ट्स) के फलस्वरूप न्यूरोनल रक्त प्रवाह में पर्याप्त सुधार हो सकता है और उसके अनुसार तंत्रिका चालन वेग में सुधार हो सकता है.
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वैसोडिलेटर एजेंटों (जैसे एसीई इनहिबिटर्स, α1-एंटागोनिस्ट्स) के फलस्वरूप न्यूरोनल रक्त प्रवाह में पर्याप्त सुधार हो सकता है और उसके अनुसार तंत्रिका चालन वेग में सुधार हो सकता है.
5.
छोटी तंत्रिका तंतुओं की तुलना में बड़ी तंत्रिका तंतुओं पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि तंत्रिका की लम्बाई के अनुपात में तंत्रिका चालन वेग धीमा हो जाता है.
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छोटी तंत्रिका तंतुओं की तुलना में बड़ी तंत्रिका तंतुओं पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि तंत्रिका की लम्बाई के अनुपात में तंत्रिका चालन वेग धीमा हो जाता है.
7.
तंत्रिका चालन परीक्षणों से परिधीय तंत्रिकाओं की कम क्रियाशीलता का पता चल सकता है लेकिन शायद ही कभी उनका संबंध मधुमेही परिधीय न्यूरोपैथी की गंभीरता से होता है और इस अवस्था या स्थिति के लिए नियमित परीक्षण के रूप में उपयुक्त नहीं हैं.
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[1] तंत्रिका चालन परीक्षणों से परिधीय तंत्रिकाओं की कम क्रियाशीलता का पता चल सकता है लेकिन शायद ही कभी उनका संबंध मधुमेही परिधीय न्यूरोपैथी की गंभीरता से होता है और इस अवस्था या स्थिति के लिए नियमित परीक्षण के रूप में उपयुक्त नहीं हैं.